झुंझुनूं के शहीद इकबाल खान सुपुर्द-ए-खाक, तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब,
सांसद विधायक कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर किया शहादत को नमन
जम्मू-कश्मीर में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए झुंझुनूं के लालपुर गांव के हवलदार इकबाल खान को आज उनके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। शहीद हुए इकबाल की अंतिम यात्रा में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सहित भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान सेना के अधिकारियों ने शहीद की 10 वर्षीय बेटी मायरा को तिरंगा सौंपा।
इससे पूर्व शहीद की पार्थिव देह को झुंझुनूं शहर से लालपुर गांव तक तिरंगा यात्रा के साथ लाया गया।
शहीद पार्थिव देह पर झुंझुनूं सांसद बृजेन्द्र ओला, पिलानी विधायक पीतराम काला, झुंझुनूं विधायक राजेन्द्र भांबू, उदयपुरवाटी विधायक भगवानराम सैनी, वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानूखां बुधवाली,अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एमडी चोपदार, कलेक्टर अरुण गर्ग और एसपी बृजेश उपाध्याय,भाजपा नेता निषित चौधरी सहित कई गणमान्य लोगो ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शहादत को नमन किया
सेना में तीन पीढ़ियों की विरासत
इकबाल खान 15 जनवरी 2003 को भारतीय सेना की 21 ग्रेनेडियर यूनिट में भर्ती हुए थे और हवलदार के पद पर सेवारत थे। उनके पिता यासीन खान और दादा अफजल खान भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। इकबाल की शादी 16 साल पहले नसीम बानो से हुई थी। उनके परिवार में मां, पत्नी नसीम, बेटी मायरा और दो भाई हैं।गांव में शोक की लहर
लालपुर गांव में शहीद की अंतिम यात्रा के दौरान माहौल गमगीन रहा।
ग्रामीणों ने इकबाल खान के बलिदान को नमन करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। शहीद की बेटी मायरा को तिरंगा सौंपे जाने का क्षण सभी के लिए भावुक करने वाला था
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